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लोक निर्माण विभाग लडभड़ोल के सहायक अभियंता पवन गुलेरिया का कहना है कि लडभड़ोल- सांड़ा पतन सड़क मार्ग में गड्डों को मिट्टी से भरने के लिए लेबर को भेज दिया गया है तथा इस सड़क की टायरिंग के लिए अभी बजट का प्रावधान नहीं है जैसे बजट का प्रावधान होगा व सैंक्शन आएगी टायरिंग करने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

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लडभड़ोल ( मिन्टु शर्मा)लडभड़ोल-सांडा पतन सड़क की खराब स्थिति के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। सड़क का पता नहीं चलता है की हम सड़क में चले हैं या किसी खड्ड में चले है । हाल ही में भारी बारिश के कारण कुछ हिस्सों में सड़क धंसने और उफान पर आने से भी आवाजाही बाधित हुई थी। वर्तमान में, सड़क की मरम्मत और टायरिंग के काम न होने से लोग सड़क के किनारे खड़े होकर अपनी परेशानी व्यक्त कर रहे हैं, जैसा कि state HP TV ने बताया है।  सड़क की हालत: state hp tv के अनुसार, लडभड़ोल-उटपुर-सांडापतन मार्ग की बहुत खस्ता हालत है" और कई वर्षों से इस पर कोई टायरिंग का काम नहीं हुआ है। लोगों का रोष: खराब सड़क की स्थिति के कारण स्थानीय लोगों में भारी रोष है। उन्होंने इस मुद्दे पर  प्रशासन से भी संपर्क किया है, लेकिन अभी तक समाधान नहीं हुआ है। ग्राम पंचायत उटपुर के प्रधान संजय चौहान का कहना है कि उन्होंने इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू को भी पत्र लिखा है तथा सहायक अभियंता लडभड़ोल के समक्ष भी यह बात रखी है। लेकिन उसमें कोई कार्य नहीं हुआ। आलम यह है वाहन चालन खस्ता हालत सड़क पर सफर करने के ...

बधाई हो लडभड़ोल क्षेत्र का नाम किया रोशन तहसील लडभड़ोल की ग्राम पंचायत गोलवा के गांव सिहराल निवासी 17 वर्षीय युवती आशिका राणा ने।हाल ही में कुछ ही दिन पहले बीड बिलिंग में पैराग्लाइडिंग करते हुए एक ऊंची उड़ान भरकर अपने माता-पिता गांव सहित तहसील क्षेत्र का नाम रोशन किया है।


लडभड़ोल (मिन्टु शर्मा)तहसील लडभड़ोल की ग्राम पंचायत गोलुआ के गांव सिहराल निवासी 17 वर्षीय  युवती आशिका राणा ने। हाल ही में कुछ ही दिन पहले बीड बिलिंग में पैराग्लाइडिंग करते हुए एक ऊंची उड़ान भरकर अपने माता-पिता गांव सहित तहसील क्षेत्र का नाम रोशन किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र के गांव सिहारल निवासी अंशिका राणा पुत्री रामचंद्र उर्फ बाबा ने बीड बिलिंग में पैराग्लाइडिंग के जरिए एक ऊंची उड़ान जिसकी  ऊंचाई लगभग 2430 मी 7.290  फुट से अधिक की उड़ान भरकर यहां अपने हौसले की मिसाल पेश की है। समस्त क्षेत्र का नाम रोशन किया है। अंशिका राणा का कहना है कि अपनी मेहनत लगन और कड़े परिश्रम की बदौलत उन्होंने यहां मुकाम हासिल किया है जिसका श्रेय उन्होंने अपने परिजनों सहित और अपने कोच और शिक्षक वर्ग को दिया है जिन्होंने उसके लिए उसे प्रेरित और इस तरह के कार्य करने की प्रेरणा दी है।

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