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लोक निर्माण विभाग लडभड़ोल के सहायक अभियंता पवन गुलेरिया का कहना है कि लडभड़ोल- सांड़ा पतन सड़क मार्ग में गड्डों को मिट्टी से भरने के लिए लेबर को भेज दिया गया है तथा इस सड़क की टायरिंग के लिए अभी बजट का प्रावधान नहीं है जैसे बजट का प्रावधान होगा व सैंक्शन आएगी टायरिंग करने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

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लडभड़ोल ( मिन्टु शर्मा)लडभड़ोल-सांडा पतन सड़क की खराब स्थिति के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। सड़क का पता नहीं चलता है की हम सड़क में चले हैं या किसी खड्ड में चले है । हाल ही में भारी बारिश के कारण कुछ हिस्सों में सड़क धंसने और उफान पर आने से भी आवाजाही बाधित हुई थी। वर्तमान में, सड़क की मरम्मत और टायरिंग के काम न होने से लोग सड़क के किनारे खड़े होकर अपनी परेशानी व्यक्त कर रहे हैं, जैसा कि state HP TV ने बताया है।  सड़क की हालत: state hp tv के अनुसार, लडभड़ोल-उटपुर-सांडापतन मार्ग की बहुत खस्ता हालत है" और कई वर्षों से इस पर कोई टायरिंग का काम नहीं हुआ है। लोगों का रोष: खराब सड़क की स्थिति के कारण स्थानीय लोगों में भारी रोष है। उन्होंने इस मुद्दे पर  प्रशासन से भी संपर्क किया है, लेकिन अभी तक समाधान नहीं हुआ है। ग्राम पंचायत उटपुर के प्रधान संजय चौहान का कहना है कि उन्होंने इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू को भी पत्र लिखा है तथा सहायक अभियंता लडभड़ोल के समक्ष भी यह बात रखी है। लेकिन उसमें कोई कार्य नहीं हुआ। आलम यह है वाहन चालन खस्ता हालत सड़क पर सफर करने के ...

स्कूलों में बायोमीट्रिक हाजिरी नहीं, हाई कोर्ट के आदेशों के बाद भी शुरू नहीं हुई ऑनलाइन प्रक्रिया।


 प्रदेश के सरकारी स्कूलों में हाई कोर्ट के आदेशों के बाद भी बायोमीट्रिक हाजिरी नहीं लगी है। एलिमेंटरी से लेकर हायर एजुकेशन में 70 फीसदी स्कूल ही ऐसे हैं, जहां बायोमीट्रिक मशीनें लगाई गई हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत जनजातीय एरिया के स्कूलों में है, जहां या तो बिजली की दिक्कत है या फिर अधिकतर मशीनें खराब पड़ी हैं। हालांकि इन स्कूलों में हर हाल में बायोमीट्रिक मशीनें लगाने की बात कही गई है। इसमें 963 हाई स्कूलों में से 909 स्कूलों में ही बायोमीट्रिक है, वहीं सीनियर सेकेंडरी स्कूल प्रदेश में 1999 हैं और इनमें से भी 1762 स्कूलों में ही बायोमीट्रिक लगी है। इसके साथ ही 276 कालेजों में से 166 कालेजों में ही बायोमीट्रिक मशीनें लगी हैं। शिमला शहर में भी 409 स्कूलों में 20 फीसदी स्कूल अभी बिना बायोमीट्रिक मशीनों के हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जिस मकसद को पूरा करने के लिए ये आदेश जारी हुए हैं, वह कब पूरा होगा।गौर रहे कि हाई कोर्ट के आदेशों के बाद सरकारी स्कूलों में शिक्षकों व विद्यार्थियों की उपस्थिति को लेकर शिक्षा निदेशालय सख्त हो गया है। विभाग ने शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों के लिए बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की है। इसका पूरा रिकार्ड भी ऑनलाइन रखा जाएगा। इसके लिए स्कूलों को ई-संवाद ऐप के माध्यम से उपस्थिति लगाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, स्कूलों में उपस्थिति रजिस्टर में भी लगेगी, लेकिन ई-संवाद ऐप पर भी इसका पूरा रिकार्ड होगा। यदि किसी की ई-संवाद ऐप पर उपस्थिति नहीं लगी, तो रजिस्टर में भी अनुपस्थिति ही लगाई जाएगी। उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक डा. अमरजीत शर्मा की तरफ से ये निर्देश जारी किए गए थे। शिक्षा विभाग ने दो साल पहले ई-संवाद ऐप कार्यक्रम शुरू किया था। पहले कुछ स्कूलों में यह शुरू किया था, इसके बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया गया।

अभिभावकों को भेजा जाएगा संदेश

उपस्थिति के साथ इस ऐप का यह भी लाभ है कि डाटा जमा करने के बाद विद्यार्थियों की प्रगति के बारे में मोबाइल फोन पर संदेश अभिभावकों को भेजा जाएगा।

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