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लोक निर्माण विभाग लडभड़ोल के सहायक अभियंता पवन गुलेरिया का कहना है कि लडभड़ोल- सांड़ा पतन सड़क मार्ग में गड्डों को मिट्टी से भरने के लिए लेबर को भेज दिया गया है तथा इस सड़क की टायरिंग के लिए अभी बजट का प्रावधान नहीं है जैसे बजट का प्रावधान होगा व सैंक्शन आएगी टायरिंग करने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

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लडभड़ोल ( मिन्टु शर्मा)लडभड़ोल-सांडा पतन सड़क की खराब स्थिति के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। सड़क का पता नहीं चलता है की हम सड़क में चले हैं या किसी खड्ड में चले है । हाल ही में भारी बारिश के कारण कुछ हिस्सों में सड़क धंसने और उफान पर आने से भी आवाजाही बाधित हुई थी। वर्तमान में, सड़क की मरम्मत और टायरिंग के काम न होने से लोग सड़क के किनारे खड़े होकर अपनी परेशानी व्यक्त कर रहे हैं, जैसा कि state HP TV ने बताया है।  सड़क की हालत: state hp tv के अनुसार, लडभड़ोल-उटपुर-सांडापतन मार्ग की बहुत खस्ता हालत है" और कई वर्षों से इस पर कोई टायरिंग का काम नहीं हुआ है। लोगों का रोष: खराब सड़क की स्थिति के कारण स्थानीय लोगों में भारी रोष है। उन्होंने इस मुद्दे पर  प्रशासन से भी संपर्क किया है, लेकिन अभी तक समाधान नहीं हुआ है। ग्राम पंचायत उटपुर के प्रधान संजय चौहान का कहना है कि उन्होंने इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू को भी पत्र लिखा है तथा सहायक अभियंता लडभड़ोल के समक्ष भी यह बात रखी है। लेकिन उसमें कोई कार्य नहीं हुआ। आलम यह है वाहन चालन खस्ता हालत सड़क पर सफर करने के ...

15 जुलाई से स्कूलों में 36 दिन की छुट्टियां, ग्रीष्मकालीन स्कूलों के लिए शेड्यूल जारी

 

ग्रीष्मकालीन स्कूलों के लिए शेड्यूल जारी, जारी रहेगी ऑनलाइन पढ़ाई

कोविड की बीच अब ग्रीष्मकालीन स्कूलों में 15 जुलाई से 20 अगस्त तक अवकाश होगा। 36 दिन के ग्रीष्मकालीन अवकाश में शिक्षकों को छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखनी होगी। 20 अगस्त तक समर स्कूलों में इन्हें छुट्टियों के तौर पर विभाग काउंट करेगा। दरअसल शिक्षा विभाग को साल में 52 छुट्टियां पूरी करनी पड़ती हैं। यही वजह है कि समर स्कूलों में इस बार 36 दिन का अवकाश दिया जाएगा। शिक्षा सचिव, हिमाचल प्रदेश राजीव शर्मा ने बताया कि सरकार ने शिक्षा विभाग के इस प्रोपोजल को फाइनल कर दिया है। हालांकि इसकी अधिकारिक अधिसूचना जल्द जारी हो जाएगी। जानकारी के अनुसार 15 जुलाई से 20 अगस्त के बीच शिक्षक बाध्य नहीं होंगे कि वे कितनी देर छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाएं, लेकिन सरकार ने यह साफ किया है कि शिक्षकों को छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाना नहीं छोड़ना होगा। छात्रों के साथ ऑनलाइन कनेक्शन बनाए रखना होगा। व्हाट्सऐप ग्रुप पर भी छात्रों को स्टडी मटीरियल भेजना होगा।

 इसके साथ ही शिक्षकों को छात्रों को विकेशन का होमवर्क भी देना होगा, ताकि छात्र पढ़ाई में व्यस्त रहें। यह विकेशन खास इसीलिए होगा, क्योंकि बोलने के लिए छुट्टियां होंगी, लेकिन पढ़ाई फिर भी जारी रहेगी। इसके साथ छात्रों के साथ ऑनलाइन कनेक्शन तोड़ने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई होगी। सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में अभी स्कूल खोलने की कोई तैयारी नहीं है। अगर पंद्रह दिन बाद कोविड के मामले थमते हैं, तो बड़ी कक्षाओं को बुलाया जा सकता है। विभागीय जानकारी के अनुसार दसवीं से लेकर जमा दो तक के छात्रों को स्कूलों में फिजिकली कक्षाओं के लिए बुलाया जा सकता है।

तीन घंटे से ज्यादा ऑनलाइन पढ़ाई नहीं, विभाग ने प्राइवेट-सरकारी स्कूलों को जारी की अधिसूचना

ऑनलाइन कक्षाओं से परेशान लाखों स्कूली छात्रों का मानसिक तनाव अब कम होगा। प्रदेश के सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में अब तीन घंटे से ज्यादा शिक्षक छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं नहीं लगा सकेंगे। सरकार के आदेशों पर शिक्षा विभाग ने मंगलवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। अधिसूचना जारी कर सभी प्रिंसीपल, शिक्षक व जिला उपनिदेशकों को साफ किया है कि छोटी से बड़ी कक्षाओं के छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई का समय निर्धारित किया जाए। वहीं दो व तीन घंटे से ज्यादा छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं न लगाने के साफ आदेश विभाग ने जारी किए है। विभाग के आदेशों में हवाला दिया गया है कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन को हिमाचल के स्कूलों में भी फॉलो किया जाए। बता दें कि प्रज्ञाता गाइडलाइन के तहत अब राज्य के प्राइवेट व सरकारी स्कूलों के छात्रों को स्ट्रेस फ्री पढ़ाई करवाई जाएगी। नई गाइडलाइन के मुताबिक प्री प्राइमरी के छात्रों की 30 मिनट से ज्यादा ऑनलाइन कक्षा नहीं लगाई जा सकती।

वहीं, पहली से आठवीं के छात्रों के दो से ज्यादा सेशन नहीं लिए जा सकते। यह भी आदेश जारी किए गए है कि नौवीं से 12वीं के छात्रों के एक दिन में चार से ज्यादा सेशन नहीं होने चाहिएं। शिक्षा विभाग ने पहली से 12 वीं तक के छात्रों की पढ़ाई का पूरा शेड्यूल वेबवसाइट पर डाल दिया है। वहीं ऑनलाइन स्टडी को लेकर जो शर्ते लगाई गई है, उनका पालन करने को कहा गया है। गाइडलाइन के तहत शिक्षकों को छात्रों को सिलेबस खत्म करने की बजाय लर्निंग पर फोकस करना होगा। इसके साथ ही केंद्र की गाइडलाइन में यह भी साफ किया गया है कि प्राइवेट व सरकारी स्कूल के शिक्षक यह सर्वे करें कि कितने छात्रों के पास आईसीटी सुविधा घर पर उपलब्ध है। अगर अधिकतर छात्रों के पास आईसीटी सुविधा यानी कम्प्यूटर, डिजिटल क्याना बार्ड, लैपटॉप हैं, तो पढ़ाई के नए तरीके शुरू करने को कहा गया है। दूसरी शर्त में यह भी कहा गया है कि स्कूल प्रबंधन शिक्षकों को भी बेस्ट ऑनलाइन सुविधा मुहैया करवाए, ताकि शिक्षकों के पास भी ऑनलाइन स्टडी करवाने के लिए पूरी सुविधा हो।

नई गाइडलाइन के तहत राज्य के शिक्षकों को छात्रों को मैंसिजिंग चैट ग्रुप तैयार करना होगा। इस ग्रुप में छात्रों से स्टडी से लेकर उनकी समस्याओं के बारे में भी इस ग्रुप में चैट करनी होगी। वहीं स्कूल प्रबंधन को अभिभावकों को ईमेल में रखना होगा, इसमें छात्रों की पढ़ाई संबधित अपडेट समय – समय पर करना होगा। इस बारे में सभी सरकारी व निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों और उप निदेशकों को इस गाइडलाइन को अपनाने के लिए कहा है। प्रज्ञाता गाइडलाइन शिक्षा विभाग भारत सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट और शिक्षा विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड की जा सकती है। (एचडीएम)

ऐसी होगी पहली से 12वीं तक की पढ़ाई

प्रज्ञाता गाइडलाइन का हवाला देते हुए शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि प्री-प्राइमरी के छात्रों की 30 मिनट का एक ही सेशन एक दिन में लेना होगा। पहली से आठवीं के लिए एक दिन में 30 से 45 मिनट के दो सेशन लेने के आदेश दिए गए है। वहीं नवीं से बारहवीं के छात्रों के 30 से 45 के चार सेशन लेने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा शिक्षा विभाग के निर्देशों में साफ किया गया है कि बड़े छात्र यानी की नौवीं से बारहवीं तक के छात्रों को दो सेशन के बाद 10 से 15 मिनट का ब्रेक दिया जाएग, ताकि वेे मानसिक रूप से खुद को फ्रेश कर सकें।

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