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नाबार्ड के तहत सवा 4 करोड़ से निर्मित हुई सिमस-नैल्ला-ग्वैला संपर्क सडक़ धार्मिक स्थल सिमस एवं नागेश्वर महादेव कुड्ड के दर्शन करने में श्रद्धालुओं को होगी सुविधा

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  जोगिन्दर नगर, 13 फरवरी:  नाबार्ड के माध्यम से लगभग सवा चार करोड़ रूपये की लागत से सिमस-नैल्ला-ग्वैला संपर्क सडक़ का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है। इस सडक़ के निर्मित हो जाने से जहां मां सिमसा के दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं को एक वैकल्पिक मार्ग की सुविधा सुनिश्चित हुई है तो वहीं नागेश्वर महादेव कुड्ड के दर्शन करना भी अब आसान हो जाएगा। साथ ही इस सुविधा का लाभ ग्राम पंचायत सिमस के साथ-साथ ग्राम पंचायत लडभड़ोल के ग्वैला गांव के लोगों को भी सुनिश्चित हुआ है। इस संपर्क मार्ग के बन जाने से न केवल सिमस-लडभड़ोल के मध्य दूरी कम हुई है बल्कि नागेश्वर महादेव कुड्ड के साथ-साथ मां सिमसा के दर्शन करने को एक अन्य वैकल्पिक मार्ग की सुविधा भी प्राप्त हुई है। नाबार्ड के माध्यम से निर्मित की गई लगभग सवा तीन किलोमीटर लंबी सिमस-नैल्ला-ग्वैला संपर्क सडक़ से जोगिन्दर नगर उपमंडल के लडभड़ोल क्षेत्र के दो प्रमुख धार्मिक स्थल संतान दात्री मां शारदा सिमस तथा नागेश्वर महादेव कुड्ड जहां इस सडक़ मार्ग से आपस में जुड़ गए हैं तो वहीं दोनों धार्मिक स्थलों की दूरी भी कम हुई है। साथ ही ग्राम पंचायत सिम...

गोरा व भ्रां गांवों में ड्रोन तकनीक से खाद स्प्रे बारे किसानों को दिया डैमो कृषि विभाग चौंतड़ा के सहयोग से कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के वैज्ञानिकों ने किसानों को बताई ड्रोन तकनीक

 


जोगिन्दर नगर, 30 जनवरी : चौंतड़ा विकास खंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत ऊटपुर के गांव भ्रां तथा ग्राम पंचायत दलेड के गांव गोरा में किसानों को ड्रोन तकनीक से खाद छिडक़ाव बारे प्रदर्शन (डैमो) प्रदान किया। कृषि विभाग चौंतड़ा के सहयोग से कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के वैज्ञानिकों ने किसानों को खेती में कृषि की आधुनिक ड्रोन तकनीक के उपयोग की खाद छिडक़ाव कर प्रदर्शन (डैमो) के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्रदान की।

इस बात की पुष्टि करते हुए विषयवाद विशेषज्ञ कृषि चौंतड़ा अरूण कुमार अबरोल ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के वैज्ञानिक डॉ. दिनेश यादव और उनकी टीम ने चौंतड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत ऊटपुर के गांव भ्रां तथा ग्राम पंचायत दलेड़ के गांव गोरा में ड्रोन तकनीक के माध्यम से खाद छिडक़ाव बारे किसानों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने डैमो के माध्यम से ड्रोन तकनीक से खाद छिडक़ाव करने की विस्तृत जानकारी उपस्थित किसानों को प्रदान की। साथ ही किसानों को बताया कि इस ड्रोन तकनीक से कम समय में अधिक खेती में खाद सहित अन्य कीटनाशकों इत्यादि का छिडक़ाव किया जा सकता है।
उन्होंने किसानों को बताया कि ड्रोन तकनीक से मात्र दस मिनट में ही लगभग तीन बीघा भूमि में खाद छिडक़ाव किया जा सकता है। इफको के माध्यम से इस ड्रोन तकनीक के प्रदर्शन का उद्देश्य भी किसानों को इस तकनीक की जानकारी उपलब्ध करवाना है ताकि इस तकनीक के प्रयोग से किसान कम समय में अधिक खेती में खाद का छिडक़ाव कर सकें।
एसएमएस अरूण कुमार अबरोल ने बताया कि भविष्य में ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण हासिल कर युवा इस क्षेत्र में भी स्वरोजगार के अवसर सृजित कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी तथा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) शाहपुर में ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत खेती बाड़ी में ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल को लेकर लाइसेंस भी प्रदान किया जाएगा।



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