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नाबार्ड के तहत सवा 4 करोड़ से निर्मित हुई सिमस-नैल्ला-ग्वैला संपर्क सडक़ धार्मिक स्थल सिमस एवं नागेश्वर महादेव कुड्ड के दर्शन करने में श्रद्धालुओं को होगी सुविधा

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  जोगिन्दर नगर, 13 फरवरी:  नाबार्ड के माध्यम से लगभग सवा चार करोड़ रूपये की लागत से सिमस-नैल्ला-ग्वैला संपर्क सडक़ का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है। इस सडक़ के निर्मित हो जाने से जहां मां सिमसा के दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं को एक वैकल्पिक मार्ग की सुविधा सुनिश्चित हुई है तो वहीं नागेश्वर महादेव कुड्ड के दर्शन करना भी अब आसान हो जाएगा। साथ ही इस सुविधा का लाभ ग्राम पंचायत सिमस के साथ-साथ ग्राम पंचायत लडभड़ोल के ग्वैला गांव के लोगों को भी सुनिश्चित हुआ है। इस संपर्क मार्ग के बन जाने से न केवल सिमस-लडभड़ोल के मध्य दूरी कम हुई है बल्कि नागेश्वर महादेव कुड्ड के साथ-साथ मां सिमसा के दर्शन करने को एक अन्य वैकल्पिक मार्ग की सुविधा भी प्राप्त हुई है। नाबार्ड के माध्यम से निर्मित की गई लगभग सवा तीन किलोमीटर लंबी सिमस-नैल्ला-ग्वैला संपर्क सडक़ से जोगिन्दर नगर उपमंडल के लडभड़ोल क्षेत्र के दो प्रमुख धार्मिक स्थल संतान दात्री मां शारदा सिमस तथा नागेश्वर महादेव कुड्ड जहां इस सडक़ मार्ग से आपस में जुड़ गए हैं तो वहीं दोनों धार्मिक स्थलों की दूरी भी कम हुई है। साथ ही ग्राम पंचायत सिम...

सिविल अस्पताल परिसर लड़भड़ोल में निक्षय शिविर में की 151 लोगों की स्वास्थ्य जांच टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत चलाए जा रहे 100 दिन जन भागीदारी अभियान के तहत आयोजित हुआ शिविर


लडभड़ोल (जोगिन्दर नगर), 15 जनवरी: 
राष्ट्रीय क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 100 दिन जन भागीदारी अभियान के तहत नागरिक चिकित्सालय लडभड़ोल में निक्षय शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में क्षय रोग की दृष्टि से संवेदनशील 151 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई। जिसमें 102 स्क्रीनिंग, 43 एक्स रे तथा 6 सीबी नाट नमूना जांच शामिल हैं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए खण्ड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) लडभड़ोल डॉ. लाल सिंह ने बताया कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत चलाए जा रहे 100 दिन जन भागीदारी अभियान के अंतर्गत आम जन मानस की भागीदारी सुनिश्चित बनाते हुए सिविल अस्पताल परिसर लडभड़ोल में आज निक्षय शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में 151 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई। जिसमें 102 स्क्रीनिंग, 43 के एक्स-रे तथा 6 सीबी नाट नमूना जांच शामिल है। उन्होंने बताया कि 100 दिवसीय जन भागीदारी अभियान के अंतर्गत ग्रामीण स्तर पर अन्य विभागों के सहयोग से आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा क्षय रोग के निर्धारित 10 लक्षणों को केंद्रित करते हुए नियमित तौर पर लोगों का डेटा एकत्रित किया जा रहा है तथा सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी को जानकारी उपलब्ध करवाई जाती है। तदोपरान्त लोगों को जांच के लिए नागरिक अस्पताल लड़भड़ोल या जोगिंदर नगर भेजा जाता है।
बीएमओ ने बताया कि 100 दिन जन भागीदारी अभियान के अंतर्गत 16 ऐसे समूहों को चिन्हित किया गया है जो क्षय रोग कि दृष्टि से संवेदनशील हैं। जिनमें गर्भवती महिलाएं, 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग, एचआईवी संक्रमित, औद्योगिक या निर्माण कार्य में लगे श्रमिक, डायबिटीज मरीज, धूम्रपान करने वाले, पिछले दो साल में क्षय रोग पीडि़त मरीज के संपर्क में आने वाले लोग या फिर पांच साल पूर्व क्षय रोग से पीड़ित व्यक्ति, जेल में बंद लोग, वृद्धाश्रम व अनाथालय में रहने वाले लोग, आवासीय स्कूल के विद्यार्थी व कर्मचारी, रात्रि शेल्टर होम में रहने वाले लोग, जनजातीय आबादी, स्लम क्षेत्र में रहने वाले लोग, कैंसर पीड़ित मरीज, श्वसन रोग से पीड़ित लोग, ऐसे लोग जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो, दुबले पतले लोग, नशा मुक्ति केंद्र में रहने वाले लोग इत्यादि शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इस अभियान का प्रमुख लक्ष्य जन भागीदारी के माध्यम से जहां क्षय रोग का शीघ्र निदान सुनिश्चित बनाना है तो वहीं पीडि़त मरीजों का समयबद्ध उपचार कर इस कलंक को समाज से मिटाना है ताकि क्षय रोग का पूरी तरह से खात्मा हो सके।
इस शिविर में खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. लाल सिंह के अतिरिक्त चिकित्सा अधिकारी डॉ. रजत, डॉ. निखिल, स्वास्थ्य शिक्षक शेर सिंह वर्मा, आंगनवाड़ी सुपरवाइजर, आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मी भी मौजूद रहे।




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