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लोक निर्माण विभाग लडभड़ोल के सहायक अभियंता पवन गुलेरिया का कहना है कि लडभड़ोल- सांड़ा पतन सड़क मार्ग में गड्डों को मिट्टी से भरने के लिए लेबर को भेज दिया गया है तथा इस सड़क की टायरिंग के लिए अभी बजट का प्रावधान नहीं है जैसे बजट का प्रावधान होगा व सैंक्शन आएगी टायरिंग करने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

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लडभड़ोल ( मिन्टु शर्मा)लडभड़ोल-सांडा पतन सड़क की खराब स्थिति के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। सड़क का पता नहीं चलता है की हम सड़क में चले हैं या किसी खड्ड में चले है । हाल ही में भारी बारिश के कारण कुछ हिस्सों में सड़क धंसने और उफान पर आने से भी आवाजाही बाधित हुई थी। वर्तमान में, सड़क की मरम्मत और टायरिंग के काम न होने से लोग सड़क के किनारे खड़े होकर अपनी परेशानी व्यक्त कर रहे हैं, जैसा कि state HP TV ने बताया है।  सड़क की हालत: state hp tv के अनुसार, लडभड़ोल-उटपुर-सांडापतन मार्ग की बहुत खस्ता हालत है" और कई वर्षों से इस पर कोई टायरिंग का काम नहीं हुआ है। लोगों का रोष: खराब सड़क की स्थिति के कारण स्थानीय लोगों में भारी रोष है। उन्होंने इस मुद्दे पर  प्रशासन से भी संपर्क किया है, लेकिन अभी तक समाधान नहीं हुआ है। ग्राम पंचायत उटपुर के प्रधान संजय चौहान का कहना है कि उन्होंने इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू को भी पत्र लिखा है तथा सहायक अभियंता लडभड़ोल के समक्ष भी यह बात रखी है। लेकिन उसमें कोई कार्य नहीं हुआ। आलम यह है वाहन चालन खस्ता हालत सड़क पर सफर करने के ...

स्कूलों में नहीं होगी मॉर्निंग असेंबली, शिक्षण संस्थानों के लिए एसओपी जारी दो अगस्त से खुलने जा रहे शिक्षण संस्थानों के लिए एसओपी जारी


 हिमाचल में जल्द ही खुलने जा रहे स्कूल व 

कालेजों के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने 

सोमवार को मानक संचालन प्रक्रिया 

(एसओपी) जारी कर दी।  इसके अनुसार 

स्कूल खुलने के बाद मॉर्निंग असेंबली नहीं 

होगी। छात्र स्कूल में एंट्री करने के बाद सीधे 

क्लासरूम में जाएंगे। लंच टाइम और छुट्टी 

भी छात्रों को एक साथ न देके, अलग-

अलग दी जाएगी, ताकि छात्रों की भीड़ न 

उमड़ पाए। स्कूल- कालेजों में किसी भी 

स्पोर्ट्स एक्टिविटी की इजाजत नहीं होगी। 

अहम यह है कि स्कूल, कॉलेज के पिं्रसीपलों को छात्रों के आने से पहले 

कोविड की सभी गाइडलाइन का पालन 

करने के लिए माइक्रो प्लान बनाना होगा। 

रोजाना कक्षाओं को सेनेटाइज करना होगा। 

छात्र व छात्राओं के शौचालयों को रोज 

साफ करने का इंतजाम भी करने के आदेश 

दिए गए हैं। स्कूल प्रबंधन बंद कमरे के 

अलावा आउटडोर में भी कक्षाएं लगाने का 

विकल्प ढूंढ सकते हैं। इससे संक्रमण फैलने 

का खतरा कम हो जाता है।

 छात्रों के लिए रोज स्कूलों में कोविड के 

प्रति जागरूक करने के लिए 30 मिनट तक 

शिक्षक कोविड संबंधित क्लासेज लगाएंगे। 

सभी छात्रों, शिक्षकों व अन्य स्टाफ को 

मास्क पहनना, थर्मल स्कैनिंग और 

सेनेटाइजिंग और इसके अलावा सोशल 

डिस्टेंस रखना अनिवार्य होगा। सभी शिक्षण 

संस्थानों में एंट्री व एग्जिट प्वाइंट पर हैंड 

वॉश या सेनेटाइजर की सुविधा देना 

अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा 

प्रिंसीपल को स्कूल की सभी गतिविधियों 

पर नजर रखने के लिए वालंटियर तैयार 

करने होंगे। इसमें छात्र, शिक्षकों को अलग-

अलग जिम्मेदारी देनी होगी। स्कूल में बनाई 

गई यह कमेटी गेट के  एंट्री व एग्जिट प्वाइंट 

पर तैनात होगी।  स्कूल-कालेजों के छात्रों 

के लिए परिवहन सुविधा केंद्र सरकार की 

गाइडलाइन पर मुहैया करवाने के आदेश 

दिए गए है। शिक्षा विभाग की एसओपी में 

साफ किया गया है कि स्कूल, कालेज व 

जिला स्तर पर कमेटियां बनाई जाएं। ये 

कमेटियां कोविड के प्रोटोकोल का पालन 

करवाने के साथ-साथ नजदीकी संस्थानों 

का निरीक्षण भी करेंगी।

खांसी,जुकाम, बुखार वाले छात्र, शिक्षक छुट्टी पर रहेंगे

स्कूलों, कालेजों में कोविड के लक्षण जैसे 

खांसी, जुकाम, बुखार वाले छात्रों को डे 

ऑफ  या फिर लीव पर भेजने के आदेश 

दिए गए हैं। एसओपी में कहा गया है कि 

स्कूल में एक या दो कमरों को रिजर्व रखा 

जाए, ताकि कोई बीमार हो, तो उसे वहां 

आइसोलेट किया जा सके।

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